और तुम्हें इस का अहसास भी नहीं हुआ कभी। और तुम्हें इस का अहसास भी नहीं हुआ कभी।
आत्मबोध का प्रयास करो भूली बिसरी बातें याद करो आत्मबोध का प्रयास करो भूली बिसरी बातें याद करो
ऊंचे पहाड़ों के ठंडे दर्द अपनी पुकार से बांध लेते है ऊंचे पहाड़ों के ठंडे दर्द अपनी पुकार से बांध लेते है