STORYMIRROR

Ruchika Rai

Abstract

4  

Ruchika Rai

Abstract

हरितालिका तीज

हरितालिका तीज

1 min
207

भाद्र मास शुक्ल पक्ष तृतीया,

हरितालिका तीज व्रत मनाये सखियाँ,

अखंड सौभाग्यवती रहे वो,

प्रभु चरण रज वंदन करती सखियाँ।


निर्जला उपवास करें चारों पहर,

पूजन पाठ करें सुबह शाम दो पहर।

नख से शिख तक शृंगार रहे,

साजन के दम पर चेहरे का प्रकाश रहे।


शिव पार्वती सा रहे युगल,

पूजा पुष्प लगे जैसे कमल।

माँग दमके संग में सिंदूरी आभा,

जैसे सूरज की किरणें धरा पर साजा।


हो पति का जीवन लंबा,

दुख कष्ट रोग नही आवे संग।

ईश भजन कर बस यही माँगा,

पति के संग हो जीवन रंग साजा।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract