हर हाल में खुश रहो
हर हाल में खुश रहो
छोटी सी है ज़िन्दगी
हर हाल में खुश रहो
न हो आसपास कोई तो
मस्त अपने आप में रहो
क्यों खुशियों के लिए इंतज़ार करना
जो चला गया उसकी यादों को समेट
जो पास है उसकी बातों में डूब
कलियों को बनते फूल देख
बीजों में क्यू अंकुर को देख
गिरती बारिश की बूंदों में
सौंधी मिट्टी के खुशबू में
बनते मिट्टी के चूल्हों में
रोटी की मीठी स्वादों में
छोटी छोटी इन खुशियों में
खो जाओ तुम इन रागों में
पल पल की ये खुशियां अनमोल
मत जाया इसको तुम जाने दो
क्यों खुशियों के लिए इंतज़ार करना
छोटी सी ये ज़िंदगी में तुम
हर हाल में खुश रहना सीखो।