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Deepika Raj Solanki

Inspirational

4  

Deepika Raj Solanki

Inspirational

हर घर तिरंगा

हर घर तिरंगा

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आज़ादी का अमृत उत्सव,

छोड़ सारे द्वंद, मिल बनाएं सब

आराध्य है तिरंगा अपना,

आओ! मिल हर घर इसे फैलाएं हम-सब,

अपनी प्रभुता और समृद्धि जग को दिखलाएं,

इतिहास वीरों का इसमें है समाया,

इसके मान के लिए कितनों ने अपना लहू बहाया,

अनीति के खिलाफ लड़े थे वीर हमारे महान,

आओ! शीश नवाएं याद करें उनके बलिदान,

देहरी पर फैला तिरंगा,

बढ़ाएं वीरों का मान।

 वैराग्य ,शांति, संपन्नता का करवाएं अद्भुत ज्ञान,

  लहराएं ऐसा तिरंगा जब हर द्वार,

  गंगा आ जाएं उस घर- द्वार,

  अनिमेष आंखों से देखें,

बूढ़ा,  बच्चा और जवान,

लहराते तिरंगे की शान।

  धर्माचार का करें प्रचार,

  भगवा हो जाएं यह संसार

  ऐसा है अपने तिरंगे का इतिहास।

  व्यभिचार- द्वंद जग में हैं व्याप्त,

  श्वेत रंग,रंग लें सारे निकृष्ट और अभिमान,

  आओ! फैहराये ऐसा तिरंगा हर घर और द्वार ,

  देता जों शांति का ओजस्वी अमृत प्रकाश।

 खुशहाली हो हर द्वार,

 प्रगति रथ पर हो हर एक सवार,

 हरियाली ओढ़ झूमे खेत- खलियान,

 हरा रंग देता भारत को समृद्धि का वरदान,

 भव्य ऐसे तिरंगे को घर-घर फैलाएं,

 अपने घर द्वार को छविमान बनाएं।

चक्र अशोक भारत का मान,

24 तीलियां देती 24 गुणों का ज्ञान,

रंग नीला जिसका सार्वभौमिक सत्य का है प्रमाण,

सहस्त्र कर जोड़ नमन करें ,शीश नवाएं सौ बार।

श्रेष्ठ तिरंगा ऐसा अपना ,

आवृत से इसकी यह धरा सज जाएं,

आज़ादी का अमृत उत्सव और भव्य बन जाएं,

हर घर तिरंगे से जब सज- संवर जाएं,

आओ! ऐसा अद्भुत दृश्य जग को दिखलाएं

भारत की प्रभुता का दृष्टांत एक स्थापित कर जाएं,

आज़ादी के अमृत उत्सव को तिरंगे के नाम कर जाएं,

 मिल कर आओ! घर-घर तिरंगा फहराएं।

 जय हिंद, जय भारत।


    


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