हर दिन गणतंत्र दिवस बन जाए
हर दिन गणतंत्र दिवस बन जाए
आज दिवस पुनीत पुनः नभ में,
तिरंगा लहराएगा,
फिर से भारत की गरिमा,
अम्बर में पहुंचाएगा।
फिर से आज लाल किले पर,
एक नारा गूंजेगा,
भारत माता की जय में ,
एक तराना गूंजेगा।
लिए हाथ में ध्वजा,
और मन में गौरव की पहचान,
हर भारतवासी दिल से करेगा,
फिर ध्वज का सम्मान।
हर चौक गली विद्यालय में,
जन-गण-मन गूंजेगा,
विविधता के रंगों से ,
आज पुनः लाल किला सजेगा।
फिर से होंगी झांकी,
कितने अद्भुत रंग बिखरेंगे,
इस विविध देश में एकता के,
आज फिर से दर्शन होंगे।
चाहती हूं इन रंगों की खुशबू,
धरती के हर कण में बस जाए,
काश साल का हर दिन,
गणतंत्र दिवस बन जाए।
आज के जैसे ही हर दिन,
सबके मन में देश प्रेम बसे
काश आज के जैसी एकता,
पूरे वर्ष में रहे।
हर दिन ये पावन ध्वजा,
नील गगन में ऊंची फहराए,
बस यही कामना है कि,
साल का हर दिन,
गणतंत्र दिवस बन जाए।।