"हर आदमी आला"
"हर आदमी आला"
इस जिंदगी का खेल है,बड़ा निराला
हर आदमी दुनिया मे होता है,आला
हम ढूंढते रह जाते है,बस चाबी को
ओर लोग दे जाते है,हमें यहां ताला
जिस चीज से हम लोग दूर भागते है
बार-बार उसी चीज से पड़ता है,पाला
समस्या से न डर तू बन,हिम्मतवाला
हर आदमी दुनिया में होता है,आला
तू लड़ना जंग में,योद्धा कर्ण की तरह
जिसके अंतः धधकती दोस्ती,ज्वाला
वीरगति को प्राप्त हो तो याद करना
अभिमन्यु की हिम्मत का वो हिमाला
जिसने मरकर भी किया काम,निराला
वो अकेला था,फिर भी नही डरा था
अभिमन्यु था,अर्जुनपुत्र सिंह मतवाला
हर आदमी दुनिया मे होता है,आला
जग में समस्यों से जूझनेवाला आदमी
पहनता है,साखी जीत की जयमाला
जो न लड़े,बस समस्या देख-देख डरे,
उसको कभी नही मिलती है,यशमाला
जो शूलों मे गुलाब जैसा महकता है
वही दुनिया मे काम करता है,आला
किसे देता न दोष,जो है,हिम्मतवाला
पत्थर पर बहा देता वो जल की धारा
जिसने अपनी शक्ति को पहचान डाला
वो एक तिनके से भी ला देता है,भूचाला
जिसके लहूँ में धधकती है,कर्म ज्वाला
पीछे भागती कामयाबी लेकर वरमाला!