होली
होली
होली का रंग कितना सुहाना होता है
सब मस्त फ़िज़ा रंगीन,
आम की खुशबू बिखरी चहूँ ओर,
उड़ रहा अबीर गुलाल सारा
सब मस्त है होली में
क्या बड़े क्या छोटे
रंगो का ये त्यौहार लाता है कितनी खुशियाँ
ये रंग न होते जीवन में
तो कितनी वीरान थी ये दुनिया
हर तरफ खुशबू सरसों और महुआ की,
होली का त्यौहार प्रेम का प्रतीक,
फिर भी सिमट रहा है दायरा,
आओ इस दायरे को दूर मिटाये,
और होली के त्यौहार से,
सारे रंग लेकर हर किसी का, जीवन को रंगीन बनाये,
हर तरफ हो प्रेम का रंग,
न हो नफरत, न हो कही दंगे फसाद,
न हो कही बड़े छोटे का भेद,
रंगो की तरह सभी की दुनिया हो रंगीन,
होली मस्ती का त्यौहार है,
आओ इस मस्ती में हम सब डूब जाये।।