राम जी का आगमन
राम जी का आगमन
कैसी सुहानी घड़ी आयी आज रे,
दुल्हन सी अयोध्या सजी आज रे,
राम आयेंगे आज अपने दरबार में,
500 वर्षों के लंबे इंतजार में,
अंखियां तरसी हैं जिनके दीदार को,
आज आया अवध नया त्योहार रे,
झूम-झूम सखियों लुटाओ प्यार रे।
वातावरण में आया कैसा उल्लास रे,
कण-कण ये धरती मगन आकाश रे,
देवता भी तरसें सुपावन घड़ी,
हो रही है फूलों की बरसात रे।
वनवासी राम जी आते हैं आज रे,
दिल में जगी है आज आस रे,
राम जी के दर्शन होंगे आज रे,
जन्म सफल हो गया है आज रे
कैसी सुहानी घड़ी आई आज रे।