STORYMIRROR

V. Aaradhyaa

Classics Inspirational

4  

V. Aaradhyaa

Classics Inspirational

होली रंग ग़ुलाल

होली रंग ग़ुलाल

1 min
255

होली में राधा हुई रंगी रंग में लाल ग़ुलाल .

वृंदावन होली हुआ, सखियों संग रचें धमाल.


होली राधा श्याम की, और न होली कोय.

जो मन रांचे श्याम रंग, रंग चढ़े ना कोय.


नंदग्राम की भीड़ में गुम हुए नंद के लाल.

सारी माया एक ही है, मोहन और ग्वाल .


आसमान टेसू हुआ, धरती सब पुखराज.

मन सारा केसर हुआ, तन सारा ऋतुराज.


बार बार का टोंकना, बार बार मनुहार.

धूम धुलेंडी गाँव भर, आँगन भर त्योहार.


फागुन बैठा देहरी, कोठे चढ़ा गुलाल.

होली टप्पा दादरा, चैती सब चौपाल.


अंजुरी में भरपूर हों, सदा रूप रस गंध.

जीवन में अठखेलियाँ, करता रहे बसंत..


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Classics