हो जाती मैं बचपन की
हो जाती मैं बचपन की
जब देखा खुद को आइने में
कम हो गया मेरा एक साल
जब किया कुछ साज श्रृंगार
कम हो गए मेरे दो साल
जब वाइट बालों को किया ब्लैक
कम हो गए मेरे तीन साल
जब आउटफिट पहन हो गई तैयार
कम हो गए मेरे चार साल
लगा लिपस्टिक होठों पे आई मुस्कान
कम हो गए तब पाँच साल
जब अपनी ही ब्यूटी से हो गई लाल
कम हो गए मेरे छैः साल
पर्स उठा जब लगाया सन ग्लास
कम हो गए मेरे सात साल
सैल्फी ले के खुद को निहार
कम हो गए मेरे आठ साल
निकली जब सखियों संग घूमने बाहर
कम हो गए मेरे नौ साल
जब खाई गोलगप्पे टिक्की की चाट
कम हो गए मेरे दस साल
जब देखा अपना परिवार खुशहाल
कम हो गए मेरे पन्द्रह साल
जब होती बच्चों के संग साथ
कम हो जाते मेरे बीसों साल
तब न लगती पचपन की
हो जाती मैं बचपन की।
