हमतुम
हमतुम
मेरे पास तुम हो मुझे क्या कमी है।
सर पे है आसमां पैरों तले ज़मी है।
कुछ दर्द भी लाज़मी है जीने के लिए
वो आंख ही क्या जिसमें ना नमी है।
कुछ इस अदा से तुमने मिलाई नज़र,
धड़कन हुई तेज़ सांस थमी थमी है।
मोहब्बत से रोशन हैं दिन रात अपने,
अपनी चाहत में ना आए कोई कमी है।
मैंने तो सुना दिया हाल-ए-दिल सनम,
तू भी तो कह दे तेरे हम है बस हमीं है।