हमें तो चलना है
हमें तो चलना है
ये ज़िन्दगी इसे तो बदलना ही है
बदले वक्त के साथ हमें तो चलना है
ये जमी बर्फ इसे तो पिघलना ही है
पिघले नीर के साथ हमें तो बहना है
ये सुर्ख माचिस इसे तो सुलगना ही है
सुलगी माचिस के साथ हमें तो जलना है
ये डगमगाते कदम इन्हें तो फिसलना ही है
फिसले कदमों के साथ हमें तो सम्भलना है
ये नाज़ुक कली इसे तो खिलना ही है
खिली कली के समान हमें तो फूल बनना है
ये टेढ़ी सड़कें इन्हें तो मुड़ना ही है
मुड़ी सड़कों पे भी हमें तो चलना है
ये धीमी धीमी हवाएँ इन्हें तो रुकना ही है
>रुकी हवाओं में भी सांसों को तो चलना है
ये ऊगा हुआ दिनकर इसे तो डूब जाना ही है
नवोदित शशि के साथ हमें तो तिमिर भगाना है
ये हरे हरे पत्ते इन्हें तो झड़ कर सूख जाना ही है
सूखे पत्तों से पंछियों को तो आशियाँ अपना बनाना है
ये नन्हां पौधा इसे तो विशाल वृक्ष बनना ही है
विशाल वृक्ष सा गगन को हमें तो चूमना है
ये चंचल पंछी इन्हें तो ऊँचे गगन में उड़ना ही है
उड़ते पंछियों को देख हमें तो ऊंचाइयों को छूना है
ये काली अँधेरी रात इसे तो छटना ही है
नई सुबह की रौशनी में तो हमें चलना है