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Poonam Shinde

Romance

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Poonam Shinde

Romance

हमारी प्रेम कहानी

हमारी प्रेम कहानी

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मेरे घर के पीछे , घर था तुम्हारा

आना-जाना वैसे, चलता ही था

न जाने कब कैसे, दिल आ गया मुझ पे

पर, मेरे नटखट हरकतों से, तू डरता था…


सहेली ने मेरी, जरा सी हिम्मत क्या दिखाई

तू मेसेज-पर-मेसेज करता था

पर, में पागल, तब ये न समझ पाई

ये बावला क्यूँ मुझ पे मरता था?


दबाव में आकर तो, बोल बैठी हाँ

मगर मोहब्बत करना तो, आता न था

फूट गया जब पहली बार सबके सामने भांडा

तब सहेलियों ने, कैसे तैसे बचा लिया था


जी करता था कभी-कभी

क्या खा लूँ में जहर की गोली

सुन -सुनकर ताने लोगों के 

पक गयी थी ये चिड़िया भोली


रो रो कर करती खुद का 

कितना बुरा हाल

चार चार दिन तक भूखी रहती

न जाने कब थामे गा तू मेरा हाथ 


टूट चुकी थी कितनी बार

अपने इस रिश्ते की कड़ी

न जाने तू किस मिट्टी का बना था

जो डाल दी गले में शादी की बेड़ी


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