बिना मांगते ही खुदा से
बिना मांगते ही खुदा से
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बिना मांगते ही खुदा से
मिल गया था हमें कुछ
मगर खुशियों के लिए उनके
छोड़ दिया वो सबकुछ
प्यार था बहुत, पर
छुपाना पड़ा उनसे
इस दुनिया से नहीं
मगर डरता हूं इन हालात से
मिल जाये हम से बेहतर
ये खुदा से हम मांगते हैं
इसीलिए तो तुम से आज
जुदाई का गम सहते है
मुमकिन नहीं की हर बार
मिल जाये हम को मंजिल
मगर मुमकिन है की प्यार में
खुश रहे वो हर दिल
माफ कर दो हमें
तुम्हारे प्यार को जो ठुकरा दिया
सच कहते हैं तुम्हें
तुम्हारी खुशियों से नाता जोड़ लिया
