"हमारी बुन्देली"
"हमारी बुन्देली"
सबसे सुघर,अलबेली।
हमारी भाषा बुन्देली।
गंगा जमुन जैसी प्यारी लगत हैं।
सुनवें में मिश्री की डिल्ली घुलत हैं।
जैसी लागे प्यारी सहेली।
हमारी भाषा बुन्देली।
सागर, छतरपुर और ललितपुर।
दतिया,झाॅसी और नरसिंहपुर।
खड़ी बोली हैं,हमजोली।
हमारी भाषा बुन्देली।
झाॅसी की रानी के गुन जाने गायें।
वीर हरदौलजु के जस को सुनाएं।
रायसेन जिला की मुंह बोली।
हमारी भाषा बुन्देली।
बोली तो जाकी सुहानी लगत हैं।
कानों में जैसे रस टपकत हैं।
गुड़ की डिगरिया हैं घोली।
हमारी भाषा बुंदेली।
बोल-चाल की है अपनी भाषा।
गांव की माटी की परिभाषा।
जैसे कोयलिया बोली।
हमारी भाषा बुंदेली।
सबसे सुघर अलबेली।
हमारी भाषा बुंदेली।