हम
हम
नया कॉलेज था थोड़े अनजान थे हम,
दिल में लेकर आये कुछ अरमान थे हम !
कुछ लोग मिले नए दोस्त बने,
कुछ ऐसे भी थे जिनकी जान थे हम !
पहले दोस्ती हुई फिर इश्क हुआ,
हाँ ! उसी से जिससे परेशान थे हम !
उसकी हँसी, उसकी आँखें और उसकी बातें,
हर इक अदा पर उसकी जैसे कुर्बान थे हम !
मालूम न था कि ये खुशियाँ चंद पल की हैं,
रिश्ता हमारा भी टूटा आखिर इंसान थे हम !
डर खुद से भी लगने लगा था तब हमें,
जाने कितने उस वक़्त सुनसान थे हम !
जो आज फायदा उठाते हैं मेरी खामोशी का,
मालूम नहीं उन्हें कभी तूफान थे हम !

