दोस्त
दोस्त
मैं रूठूं तो मनाने तू आए ,
मेरी शामें बनाने तू आए !
पड़ जाऊं मंद गर मैं कभी ,
मेरी रफ्तार बढ़ाने तू आए !
उदास कर दे गर ये ज़िंदगी कभी ,
मुझे फिर से हँसाने तू आए !
उजाड़ दे गर मेरा आशियां कोई ,
मुझे फिर से बसाने तू आए !
बिछड़ जाऊं गर मैं खुद से कभी ,
मुझे मुझसे मिलाने तू आए ! !