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Dr Lakshman Jha "Parimal"Author of the Year 2021

Inspirational

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Dr Lakshman Jha "Parimal"Author of the Year 2021

Inspirational

हम तारे हैं नभ के सारे

हम तारे हैं नभ के सारे

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नभ में तारों के दीप सजे जगमग -जगमग सब करते हैं !

काली अंधियारी रातों में पथ दर्शक सारे बन जाते हैं !


दिशा भ्रांति जब होती है, ध्रुवतारा को देखते हैं !

समय क्षितिज के दर्पण को सप्तऋषि दिखलाते हैं !


तम की रातें सुलझ जाती है, रास्ते स्वयं निकाल जाते हैं !

काली अंधियारी रातों में ,पथ दर्शक सारे बन जाते हैं !


नभ में तारों के दीप सजे जगमग-जगमग सब करते हैं 

काली अंधियारी रातों में पथ दर्शक सारे बन जाते हैं !


कुछ तारे एसे भी हैं जो मौन रहने की कसम खायीं हैं !

मद्धिम शिथिलता में रहकर,अपनी पहचान बनायीं हैं !


एक संग रहकर ये सब ,प्रकाश पुंज बन जाते हैं !

काली अंधियारी रातों में ,पथ दर्शक सारे बन जाते हैं !


नभ में तारों के दीप सजे, जगमग -जगमग सब करते हैं !

काली अंधियारी रातों में पथ दर्शक सारे बन जाते हैं !


हर रात दिवाली होती है,अंबर सारे खिल जाते हैं !

धरती को रोशनी मिलती है, सब झुमके मौज मानते हैं !


कोई बड़ा नहीं छोटा है, सब प्रकाश बन जाते हैं !

काली अंधियारी रातों में पथ दर्शक बन जाते हैं !


नभ में तारों के दीप सजे, जगमग -जगमग सब करते हैं !

काली अंधियारी रातों में, पथ दर्शक सारे बन जाते हैं !


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