हम सब एक हैं
हम सब एक हैं
मैं हूं नर
तू है नारी
भांति भांति के फूल हम
खिलें एक उपवन में
क्यारी क्यारी
डाली डाली
रंग अलग
रूप अलग
भाषा अलग
पहनावा अलग
धर्म अलग
संप्रदाय अलग
खानपान अलग
रख रखाव के तरीके अलग
चार दिशायें हैं
उत्तर, दक्षिण,
पूरब और पश्चिम
लेकिन जिस धरती पर
हम सबके पांव खड़े
वह एक
सांस ले रहे जिस हवा में
वह एक
एक दूसरे से भिन्न हैं तो
क्या हुआ
सबके दिल एक
सबकी धड़कन एक
सबका जीवन एक
सब प्यार करना चाहते और
प्यार को पाना चाहते
प्यार ही सबका मजहब
फिर यह जात पात,
धर्म, अमीर गरीब की
दिलों के बीच दरारें डालती
नफरत की दीवारें
सब फरेब
तू ही मेरा ईश्वर
तू ही मेरा खुदा
तू ही मेरा जीसस
तू ही मेरा सतगुरु
तू ही मेरा सखा
मंदिर, मस्जिद,
गिरजा, गुरुद्वारा
सब एक
यह जमीन एक
यह आसमान एक
इंसान का इंसान से
इंसानियत का रिश्ता
सबके दिलों में प्रभु का
वास
सबके दिलों के आले में
प्रेम का दीपक
दिन रात
सुबह शाम जलता
मंदिर में बजे
घंटियां
मस्जिद में हो अजान
गिरजाघर में प्रार्थना
और गुरुद्वारे में गाई जाये
गुरुवाणी
यह सब आवाजें हवा में
घुल जाती हैं और
आपस में मिलकर
एक धार होकर ही
जमीन से आसमान तक का
रास्ता तय करती
एक साथ अपनी
मंजिल की तरफ
बढ़ जाती हैं
आसमान के
ईश्वर या खुदा को
नहीं पता कि
जमीन पर रहने वाले
लोगों ने उसे
क्या नाम दिया
वह तो एक है
नाम हो उसके चाहे अनेक
वह तो परमपिता परमेश्वर हैं और
हम सब उनकी संतान
वह तो हम सबका
भला चाहते
हमेशा हमें आशीर्वाद देते
कभी नहीं चाहते कि
हम आपस में लड़ें
किसी आपसी मतभेद से जुझें
और बन जायें एक दूसरे के
दुश्मन
और करें एक दूसरे से
नफरत और बैर
वह तो दिल से यह चाहते कि
सब मिलकर रहें
प्यार से रहें
आपसी मनमुटाव मिटा दें
प्रेम की राह पर
एक दूसरे का सहयोग करते
दिन प्रतिदिन
सफलता की सीढ़ियां
चढ़ें
अपने देश के टुकड़े न
करें
अपने दिल को नफरत के
जहर से न भरें
दिल को ही
एक इबादत खाना बनायें
प्रेम ही ईश्वर है
इसी में प्रेम का दीपक
जलायें
सब दिल से दिल को
जोड़ें और
एक हो जायें
अपने देश भारत का
नाम भी रोशन करें
और गर्व से कहें
हम भारत देश के
रहने वाले हैं
हम भारतवासी हैं
हम सब एक हैं
हम हिंदुस्तानी हैं।