हम मुस्कुराने लगे हैं .....
हम मुस्कुराने लगे हैं .....
जिनको कभी थे हम नज़रंदाज़ करते,
बन धड़कन वो दिल में, समाने लगे हैं !
आजकल बेवजह हम मुस्कुराने लगे हैं !
बदलने लगा है कुछ अंदाज़ अपना,
चुप रहते थे पर, अब गुनगुनाने लगे हैं !
आजकल बेवजह हम मुस्कुराने लगे हैं !
जिन आँखों में कभी था अश्कों का समन्दर
उन आँखों में सपने, सजाने लगे हैं !
आजकल बेवजह हम मुस्कुराने लगे हैं !
सजाए हैं जिनके ख्यालों में मेले,
ख्वाबों में उनके हम भी, अब आने लगे हैं !
आजकल बेवजह हम मुस्कुराने लगे हैं !
