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Dr Lakshman Jha "Parimal"Author of the Year 2021

Abstract

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Dr Lakshman Jha "Parimal"Author of the Year 2021

Abstract

हम ही निर्माता हम ही निर्देशक

हम ही निर्माता हम ही निर्देशक

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बहुत सारे ग्रुप, मंच, समितियाँ आज कल ,

फेसबुक के पन्नों में उभरने लगी है !

हम जमाने के साथ साथ बच्चे, बूढ़े, नर, \

नारियाँ एक शक्ति बन के उभर रहीं है !!


पर अधिकांशतः अपने लक्ष्य को छोड़ ,

नयी दिशा की तलाश में भटक रहे हैं !

पोस्टर तो कुछ और दिखाकर लोगों को ,

अपना हम फिल्मों को ही बदल देते हैं !!


हम घोषणा करके लोगों को निमंत्रण ,

भेजकर उनको घर बुलाकर बिठाते हैं !

आदर से सत्कार करके घर के आँगन ,

में पारंपरिक गीत से स्वागत करते हैं !!


बाद में तस्वीर कुछ धुंधली नजरों के सामने ,

आकर हमें झकझोर कर देती है !

एडमिन के वर्चस्व ही देखके हम तो ,

चकित है और आँखें खुली रह जाती है !!


हमारा तन्त्र है, लोग है हम ही निर्माता-

निर्देशक है पहले अपनों को देखेंगे !

कश्मीर, अयोध्या को छोडो नए कानून ,

को लाकर सबके ध्यान को मोडेंगे!!


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