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J P Raghuwanshi

Inspirational

4  

J P Raghuwanshi

Inspirational

"हकीकत"

"हकीकत"

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चार दिन की जिन्दगानी,

रामा,भजन कर लो प्राणी ।


पहलों दिना, बचपन गुजारो,

गोदी खेले दादी नानी।

चार दिन की जिन्दगानी,

रामा--------------


दूजो दिना अब आ गई जवानी,

खूबै करी मनमानी।

चार दिन की जिन्दगानी,

रामा------------


तीजो दिन अब गयो बुढ़ापों,

को देहें अब भैया पानी।

चार दिन की जिन्दगानी,

रामा-----------


चौथों दिना अब चलिवें की बेरा,

खतम भई सब कहानी।

चार दिन की जिन्दगानी,

रामा----------


मूरख जन्म तूनें भजन न कीन्हों,

वातन में खो दई जिन्दगानी।

चार दिन की जिन्दगानी,

रामा ------------


चार दिन की जिन्दगानी,

रामा,भजन कर लो प्राणी ।


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