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Bhoop Singh Bharti

Abstract

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Bhoop Singh Bharti

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हिंदी मन को भाये

हिंदी मन को भाये

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अँग्रेजी विदेशी भाषा,

मुझको रास ना आये।

गणित के गुना-भाग से,

सिर मेरा चकराए।

इतिहास सदा हमसे,

गड़े मुर्दे उखड़वाये।

विज्ञान निज प्रयोगों से,

मेरे भेजे को खाये।

संस्कृत है वैदिक भाषा,

जननी हिंदी की कहलाये।

हिंदी हमारी मातृभाषा,

हिंदी मन को भाये।



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