STORYMIRROR

Bhoop Singh Bharti

Abstract

4  

Bhoop Singh Bharti

Abstract

हिंदी मन को भाये

हिंदी मन को भाये

1 min
284


अँग्रेजी विदेशी भाषा,

मुझको रास ना आये।

गणित के गुना-भाग से,

सिर मेरा चकराए।

इतिहास सदा हमसे,

गड़े मुर्दे उखड़वाये।

विज्ञान निज प्रयोगों से,

मेरे भेजे को खाये।

संस्कृत है वैदिक भाषा,

जननी हिंदी की कहलाये।

हिंदी हमारी मातृभाषा,

हिंदी मन को भाये।



రచనకు రేటింగ్ ఇవ్వండి
లాగిన్

Similar hindi poem from Abstract