हिंदी दिवस
हिंदी दिवस


कल मिली थी हिंदी,
मेरे राह चलते चलते
रोने लगी फूट-फूटकर,
कुछ बात कहते कहते
गर ! लोभ सधे कुछ ज्यादा,
अपनाकर विदेशी भाषा
तो दे दो मुझे श्रद्धांजलि,
और पूर्ण करो अभिलाषा।
कल मिली थी हिंदी,
मेरे राह चलते चलते
रोने लगी फूट-फूटकर,
कुछ बात कहते कहते
गर ! लोभ सधे कुछ ज्यादा,
अपनाकर विदेशी भाषा
तो दे दो मुझे श्रद्धांजलि,
और पूर्ण करो अभिलाषा।