हिन्द की दास्तान
हिन्द की दास्तान
भारत को करता आया सुरक्षित जवान है
धरती से पैदा कर रहा सोना किसान है
वेदों में सार ज़िंदगी का वेद ज्ञान है
वेदों का सार पा लो तो जीवन महान है
लाखों सपूत पूत की है जन्मभूमि यह
ईश्वर कृपा से भारती माँ भाग्यवान है
दानी यहाँ दधीचि से भी ऋषि कभी हुए
कल्याण जग का करने, दिया अस्थि दान है
जन जन में राम कृष्ण भी कण कण में है यहाँ
ऊँची यहाँ की इसलिए ही आन बान है
मर्यादा यहाँ राम की सीता से है बनी
राधा से नंदलाल की मुरली की तान है
सिद्धार्थ जैसे त्याग को करना भी सीख लो
गौतम बने तो बुद्ध सा मिल पाया ज्ञान है
पौरस, प्रताप,वीर शिवाजी यहाँ हुए
जन्में यहाँ अशोक से राजा महान है
गाँधी, सुभाष, लाल बहादुर के त्याग से
प्रेरित हुआ दिखा हमें हर नौजवान है
दुल्हन बना के मौत को बाहों में ले लिए
शूली पे यूँ लटकती शहीदों की जान है
होली के रंग और है दीवाली के दिये
त्यौहार की यहाँ पे यूँ ही दिखती शान है
विज्ञान ही मिलेगा हर इक पर्व में सदा
विज्ञान योग में मिले, विज्ञान ध्यान है
पैदा हमेशा होती जहाँ फ़स्ल अम्न की,
वो देश इस जहान का हिन्दोस्तान है
तारीफ में शब्दों की कमी रख न तू "कमल"
सदियों से हिन्द की चली जो दास्तान है।