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Triveni Mishra

Inspirational

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Triveni Mishra

Inspirational

हिन्द देश

हिन्द देश

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पुष्प-गुच्छक से झूमें उपवन

पुष्प-सार का है मधुवन

फुलौरी में महके पुष्पराग

जैसे वारि में बत्तख का राग।


स्वच्छ सुन्दर फैला ताल

निहारे उपवन बार-बार

जैसे नवबधू करके श्रृंगार

आईना में खुद को निहार

दीप्तिमान हो रहा रूप

जल तल में अनुपम स्वरूप

मोह रहा है दुनिया का मन


पुष्प-सार का है मधुवन

पुष्प-गुच्छक से झूमे उपवन।


विविध रंगों का जैसे तन

झूमे वाटिका प्रफुल्लित मन

पवन के झौकों से झाँक रहीं

जैसे कादम्ब जोड़े को देख रही

सहस्त्र प्रसून को बना विलोचन

छवि अपनी देखे जल दर्पण


पुष्प-सार का है मधुवन

पुष्प-गुच्छक से झूमे उपवन।


दोनों प्लव हो रहे अंचभित

देख गुलशन की दो आकृति

दोनों पूछ रहे आपस में

एक दिखे ताल के तट में

दूसरा वसा है जल तल में

अन्दर बाहर मुस्कुरा रहे सुमन


पुष्प-सार का है मधुवन

पुष्प-गुच्छक से झूमे उपवन।


देख-देख कर जन जग का

सौन्दर्यीकरण अनंत का

भूल जाते अपने कष्ट सारे

प्रकृति के सौंदर्य के किनारे

प्रसून सा प्रसंन होता चितवन

पुष्प-सार का है मधुवन

पुष्प-गुच्छक से झूमे उपवन।


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