हे धरतीपुत्र ! हे अन्नदाता!
हे धरतीपुत्र ! हे अन्नदाता!
हे धरती पुत्र! हे अन्नदाता!
तुझको शत- शत वंदन है
तु अन्न- सुरक्षा का प्रहरी,
तुझको कोटि- कोटि अभिनंदन है।
तुझसे ही खुशहाल ये धरा प्यारी,
तु ही इस धरणी- धरित्री का सच्चा सपूत!
तुझपे ही भार है इस धरा के अन्न- तृप्ति का,
तु वसुधा का अतुल्य नंदन है।
हे धरती पुत्र! हे अन्नदाता!
तुझको शत-शत वंदन है।