हौसला
हौसला
खोये- खोये से क्यों
गमगीन से क्यों
ये वक्त भी गुजर जाएगा
जरा सब्र तो कर
फिर नया सवेरा आएगा
नई खुशियां नई सौगात लाएगा
हर बार जरूरी नहीं
अंधेरा काली स्याह लगे
हर रात करवट लेता है
नई आशायें जगाता है
तू उम्मीद का दामन छोड़ मत
हौंसला अपनी बुलंद रख
कुछ कर गुजरने का जज्बा लिए
एक नई राह पर निकल चल
मंजिल मिल ही जाएगी
भरोसा खुद पर रख
बढ़ता चल तू बढ़ता चल
अब पीछे मुड़ना नहीं
बस आगे चलते जाना है
एक नई कहानी लिखनी है
एक नया फसाना गढ़ना है!!!