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Abha Chauhan

Abstract

4.1  

Abha Chauhan

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हैप्पी फ्रेंडशिप डे

हैप्पी फ्रेंडशिप डे

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मेरी नजरें तुझे ढूंढती हैं यहां -वहां,

खबर नहीं मुझको तू छुपा है कहां।

ए, मेरे दोस्त

तेरी दोस्ती पर कुर्बान यह सारा जहां।।


बचपन का हर पल जो तेरे साथ बिताया था,

हर दिन हर रात मुझे याद आया था।

गले में हाथ डाल के स्कूल जाना,

बारिश के पानी को एक दूसरे पर उड़ाना।

और कभी कभी एक-दूसरे को देख कर,

बिना बात के ही खिलखिला कर हंस जाना।

बचपन का वो हर पल जो तेरे साथ बिताया था,

 हर दिन हर रात को मुझे याद आया था।।


फिर हम एक दिन बचपन को पार करके ,

पहुंच गए जवानी में।

करते थे छोटी मोटी गलतियां,

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हर रोज नादानी में।

कॉलेज में दोस्तों के साथ पिकनिक जाना,

दिन भर बाहर रहकर मजे उड़ाना।

खुद भी हंसना और तुम्हें भी हंसाना,

एक - दूसरे की बातें सब से छुपाना।

वह सारे बीते कॉलेज के दिन,

याद करती हूं रोज गिन-गिन।।


हो गए बड़े लो करने लगे काम,

एक दूसरे की जिंदगी से हो गए बेफाम।

इस सिलसिले में पड़ा तुम्हें बाहर जाना,

मैं ना चाहती थी तुम को भुलाना।।


अब भी मेरी जिंदगी में खास हो तुम,

भले ही दूर पर मेरे दिल पास हो तुम।

चलता रहता है यह वक्त कभी नहीं रुकता,

दोस्त तेरी जगह कोई नहीं ले सकता।।


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