है यही मेरी आस*************
है यही मेरी आस*************
माॅं वागेश्वरी है यही मेरी आस।
जो चले लेखनी और रचे इतिहास।
पूरा है विश्वास, छोड़ूंगा न प्रयास।
है यही मेरी आस, है यही मेरी आस।
पुस्तक हाथ सजे, वीणा साज सजे।
आसन हों कमल, और संग हों मराल।
मिले चरणों की धूल,मिटे मन की प्यास।
है यही मेरी आस, है यही मेरी आस।
माॅं वागेश्वरी, हों लेखनी में जो वास।
अमर हों ये रचना, रहे दिल के पास।
जीते जी ही रचूं या मरते दम हो प्रयास।
है यही मेरी आस, है यही मेरी आस।
