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Akhtar Ali Shah

Inspirational

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Akhtar Ali Shah

Inspirational

हाथों में कितनी ताकत है

हाथों में कितनी ताकत है

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कविता

हाथों में कितनी ताकत है

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काले कर लेंगे हाथ मगर,

कालिख का दंभ मिटाएंगे।

हाथों में कितनी ताकत है,

ये दुनिया को समझाएंगे।।

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यह सच है अपनी हिम्मत ही,

करती अपनी देखभाल।

मन चंगा है तो मकसद की,

कब रहती है झोली खाली।।

निस्फल हमने होती देखी,

करतूतें शैतां की काली।

क्या पता नहीं रब खुद करता,

अपने फूलों की रखवाली।।

अपनी थाती तो खुशबू है,

हम जनजन तक पहुंचाएंगे।

हाथों में कितनी ताकत है,

ये दुनिया को समझाएंगे।।

**

दो हाथ दिए हैं ईश्वर ने,

सौगात हमें ये याद रखें।

एक पेट बहुत छोटा अपना,

सौ पेटों को हम साथ रखें।।

हर दीन दुखी के सपनों की,

इमदाद करें आबाद रखें।

मोहताजों को साया देकर,

अच्छे उनसे संवाद रखें।।

जल जाएं हाथ तो फिक्र नहीं,

रौशन जग को कर जाएंगे।

हाथों में कितनी ताकत है,

ये दुनिया को समझाएंगे।।

**

हो नहीं भलाई जीवन में,

उस जीवन को निस्सार कहो।

जो निकल मलाई जाए तो,

वो दूध सखे बेकार कहो।।

तुम जग जीतो दौलत पाओ,

गर खुशी नहीं सब भार कहो।

हो बैचेनी बेबसी जहाँ,

क्या उसको जीवन सार कहो।।

संकल्प करें मुस्कानों की,

फसलें बोकर सुख पाएंगे।

हाथों में कितनी ताकत है,

ये दुनिया को समझाएंगे।।

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अख्तर अली शाह "अनंत" नीमच


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