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गौरव सिंह घाणेराव

Tragedy

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गौरव सिंह घाणेराव

Tragedy

हार जायेगा कोरोना

हार जायेगा कोरोना

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राक्षसों का देश बना चीन,दया बिलकुल भी

करी ना सुख,चैन देखो गया छीन,

जैसी करी वैसी ही भरी ना निर्दयी बन

जिन्दे जीव खाये, अक्ल भी घास चरी ना

खुद तो डूबा कोरोना से पर दुनिया भी

पूरी डरी ना


ऐसी फैली महामारी, भूल गए लोग थारी मारी

चीन-इटली में मरने की जैसे होड़ मची है बारी बारी

पाँव कुल्हाड़ी मार आप ही विनाश की

शुरु की तैयारी, आप बचावन सब चाहे अरु

भूल गए लोग दुनियादारी जैसा काम करे हो भैया,

वैसा ही तो अब भरो ना, प्रकृति से खिलवाड़

करते फिर क्यों न फैले कोरोना


खा लो सौगंध ग़लती हुई, आगे से जीवों को चरोना

हाथ मिलाने से गुरेज करो, बस अभिवादन नमस्ते

करो ना

दवा इसकी न बन पाई है, बस बचाव ही उपचार है

सर्दी-जुखाम, बुखार, सिरदर्द, इसके ये लक्षण चार है

मुँह ढको,और चश्मा पहनो, हाथ धोने बार बार है

महामारी फैली ऐसी है जिसके आगे विश्व लाचार है

बच्चों को बाहर ना भेजो, भेजो न मेले, बाजार

आप भी भीड़ भड़क्के से तौबा कर लो इस बार

तुलसी, अदरक, लौंग, शहद का कर लो काढ़ा तैयार

इम्युनिटी बढ़ा लो अपनी यही है इसका उपचार

ध्यान रखो अपना,अपनों का कमर कस लो तुम यार

सजग हम सबको रहना है, तब कोरोना जायेगा हार


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