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गौरव सिंह घाणेराव

Inspirational

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गौरव सिंह घाणेराव

Inspirational

सिखा दिया लॉकडाउन ने

सिखा दिया लॉकडाउन ने

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तेज भागती जिंदगी में यू थम कर थोड़ा रुकना

सिखा दिया लॉकडाउन ने।

विज्ञान के ऊँचे शिखरों पर चढ़ते इंसान को

प्रकृति के आगे झुकना सिखादिया लॉकडाउन ने।


बेजान से रिश्तों में जज्बातों का

मरहम लगा दिया लॉक डाउन ने।

घर में बच्चों से दूर पिता को फिर से

जीना बचपन सिखादिया लॉकडाउन ने।


देश के सच्चे कर्मवीरों को देना थोड़ा आदर

सिखा दिया लॉकडाउन ने।

कला प्रेमियों को वक्त के परवाजों का

पंख लगा दिया लॉकडाउन ने।


घर में पूरा दिन रहने वाली गृहणियों का

दर्द समझा दिया लॉकडाउन ने।

खाना खाने का वक्त नही था,

अब छप्पन भोगों का स्वाद

चखा दिया लॉकडाउन ने।


पैसों के पीछे भागने वालो को

मानवता का पाठ सिखा दिया

लॉकडाउन ने।

अपराधों की इस दुनिया में,

कसकर कैसा ब्रेक लगा दिया

लॉकडाउन ने।


पैरो में जिसके चक्कर रहता था,

उनको भी तो बैठना सिखा दिया

लॉक डाउन ने।

और मुझ जैसे अध्यापक को भी तो,

देखो कैसे कवि बना दिया लॉकडाउन ने।



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