हाँ बहुत कुछ शहीद होता है...
हाँ बहुत कुछ शहीद होता है...
हाँ बहुत कुछ शहीद होता है
एक सैनिक के साथ
उम्र भर साथ निभाने की तसल्लियाँ
जो हर बार बीवी को देकर जाता था
और कुछ दिलासा
जो उन नन्हों को हर बार
पापा लायेंगे, ये कह कर मिलती थी
कुछ अधूरी अंकतालिकायें
जो सपनों से भरनी थी सभी...
कुछ सलाह जो
भाई को भाई से लेनी थी अभी..
हाँ बहुत कुछ शहीद होता है
एक सैनिक के साथ
दीवाली की रौशनी
होली का रंग
और हाँ वो राखी के धागे भी....
पिता के थके हुए कन्धों का आराम
और माँ के घुटनों का इलाज़
परिवार का कल और आज
हाँ बहुत कुछ शहीद होता है
एक सैनिक के साथ...
फिर भी ज़िंदा रहता है एक ज़ज़्बा
उसी घर से एक और फ़ौजी बन जाने का
दुश्मन को निपटा आने का
तिरंगे में लिपट के आने का