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Nand Lal Mani Tripathi pitamber

Inspirational

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Nand Lal Mani Tripathi pitamber

Inspirational

जीवन और कश्ती

जीवन और कश्ती

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भावों रिश्तो संग जीवन कश्ती जैसी

निर्मल निर्झर प्रवाह हद हस्ती जैसी

सागर की गहराई जीवन की सच्चाई जैसी।।

झरने झील तालाब नदियां जीवन

जीवन मकसद की राहों जैसी

कभी निर्बाध निकलती कभी

डूबती छिछलेपन की कंकण जैसी।।

जीवन की कश्ती का पतवार

जैसा चाहो वैसी कभी चाहत

की मस्ती कभी वक्त की मार

तूफानों जैसी।।

जीवन की कश्ती जीवन की

कठिन चुनौती से डगमग होती

झूठ और सच्चाई जैसी ।।

उठते गिरते तूफानों में जंग

जीवन का लड़ती जीत हार

का जश्न हाहाकार हश्र की

संसय जैसी।।

जीवन के रिश्ते नाते जीवन

की कश्ती सवार मांझी मकसद

मंजिल खेवनहार को मिलती

चाही अनचाही मुरादों जैसी।।

कभी चाहों की राहों की कश्ती

कभी अनचाही शादिल और किनारा

अनजानी दुनियां जैसी।।

तूफ़ांनो झंझावत में लहरों

तूफानों में कश्ती जब फंसती

सवार भाँवो के रिश्तो में हलचल जैसी।।

रिश्ते नाते कुछ मुसक जैसे

जिस जिस कश्ती में सवार

उंसे कुतरते डूब ना जाए 

भागते जल बिन मछली जैसी।।

छोड़ अकेला खुद खुदा को

शुक्र कहते पता नही होता 

उनको उनकी नियत दुनियां में

चोर उचक्कों जैसी।।

जीवन की कश्ती मस्ती

सूझ बोझ सोच समझ

शौम्य संयम पतवार की

हस्ती।।

जिम्मेदारी नैतिकता

नीति नियत की निर्धारण

चुनौती से लड़ती बदलती

निकलती पहेली जैसी।।



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