STORYMIRROR

Gangotri Priyadarshini

Abstract

3  

Gangotri Priyadarshini

Abstract

हाले दिल

हाले दिल

1 min
231

कैसे बयां करूं

ए हाले दिल तेरी ए बेरुखी

यू हीं मैं तेरे इंतज़ार मै राह तके रहूंगी !!


मन बदल जाए तो

बन के हवा का झोंका

छू जाना मेरी रूह तक राह तय करके !!


ये कशमकश भरी 

तनहा जिंदगी तुम्हारे बगैर

बेफिजूल बेमतलब लगता हैं !!


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract