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Shriram Sahoo

Abstract

4.0  

Shriram Sahoo

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हाइकू

हाइकू

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(१) कटी पतंग

अब लगा ले जोर

हाथ में डोर

(२)

झूठ सहारे

कब तक कहोगे

सच की कथा

(३)

आंखें दर्पण

तेरी छवि उकेरे

बेचारा दिल

(४)

तारों के बस्ती

है चाँद नगर में

रवि अकेला

(५)

आया सावन

बारिश झमाझम

रोये बादल

(६)

दुख के दिन

पहाड़ से लगते

सुख के हवा

(७)

आकाश दानी

होगी मेहरबानी

दे दो ना पानी

(८)

सूरज लाल

तमतमाया गाल

गुस्से से लाल

(९)

वृक्षों ने कहा

मर-कट जावोगे

हमें काटोगे

(१०)

सरल होना

बहुत ही कठिन

लागे आसान।


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