तुगलक
तुगलक
हर युग/हर काल में
कोई न कोई"तुगलक"होता रहा है
तुगलक एक निर्णय लेता है,
और फरमान जारी कर देता है
न मानने वालों पर कड़ी
कार्यवाही करने की,
अनावश्यक धमक देता है
लोग उसे कोसते हैं,
गालियाँ बकते हैं,पर उसका
कोई बाल बाँका नहीं कर सकता
तुगलक को उसके काम से नहीं,
उसके फरमान से जाना जाता है
उसे काम से मतलब नहीं होता
उसे तो इतिहास तोड़कर,
इतिहास गढ़ने में विश्वास होता है
वह ऐन-केन प्रकारेण-
इतिहास में दर्ज हो जाना चाहता है
सच पूछो तो ?
तुगलक की खुद की कोई"मति" नहीं होती
वह चापलूसों के अलावा किसी की
सुनता ही नहीं है
उसे तो जिरह करना कतई पसन्द नहीं
उसको बस यही अच्छा लगता है
कि लोग उसका इतिहास पढ़कर
सदियों तक याद करेंगे।