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Anita Bhatnagar

Abstract Others

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Anita Bhatnagar

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हाइकु - मोर/मयूर

हाइकु - मोर/मयूर

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देख मयूर

अनुपम सौंदर्य

मन बावरा।


विश्व सौंदर्य

प्रकृति हो रमणी

नाचे मयूर।


सुंदर पंख

नागराज भी डरे

निराला मोर।


मन हर्षाता

पंख फैलाए मोर

जो इठलाता।


काला बादल

नर्तकप्रिय मोर

मन को भाता।



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