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OM Maind

Abstract

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OM Maind

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गुरू भजन

गुरू भजन

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तरेगा वही जिसके मन में हरी है

मन में हरी है जीसके तन में हरी है

जल को चढाने वाले कौन कौन तरे है

जलके...... 

   

वे मछली क्यु नही तरती जी एक जल

में ही घर तरेगा...... 

फूल को चढाने वाले कौन कौन तरे है

फूल का.... 

वो भौरा क्यूँ नहीं तरना

जिसका फूलों में हरी घर है 

तरेगा...... 


चंदन के चढाने वाले कौन तरे है

चंदन........ है

वो माँग क्यूँ नहीं तरते

जिसका चंदन मे हरी घर है तरेगा.... 


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