गुरु
गुरु
एकलव्य और द्रोण की
मिसाल लोग आज भी देते हैं,
गुरु और शिष्य
दोनों को महका कहते हैं,
पल कल जब हम
किसी गुरु को याद करेंगे,
तो आपका नाम सबसे पहले लेंगे,
द्रोण ने तो फिर
एकलव्य से अंगुठा मांग लिया,
पर आपने तो बिना
कुछ मांगे ही हमें,
प्यार, ज्ञान और अपनापन दिया।