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Pragya Dugar

Abstract

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Pragya Dugar

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दो पल का प्यार

दो पल का प्यार

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ये मासूम चेहरा, हर बार जादु चला देता है,

जितना भूलना चाहा, उतना पास बुला लेता है,


यह सच है, सारी उम्र हमारे साथ नहीं रह सकते,

पर उनका ये चेहरा हर सच्चाई भूला देता है। 


कुछ रिश्ते बस दो पल के होते हैं,

ये मन कहाँ इस बात को मान पाता है,


बहुत मुश्किल है खुद को आप से अलग करना,

इस लिए अब तो हमने खुद को समझाना ही छोड़ दिया।


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