गुरु
गुरु
कर निरीक्षण जो हमारी,
ताक़त कमज़ोरी ले पहचान
करे दूर फ़िर कमज़ोरी को,
कराएं परिचित बल अनजान।
साम दाम दण्ड भेद से ,
जो हमें बनाता सोना।
ऐसे गुरु मिलें सौभाग्य से,
उन्हें कभी न खोना।।
दोष कालिमा को धो देते,
कराएं ज्ञान जल धार स्नान
सही मायनों में गुरु वही है,
वही है मन गुरु महान।
धूमिल हुई ,गुरु महिमा कैसे
खो रहा उनका सम्मान
कुछ दोष है शिक्षा पद्धति का
कुछ दोषी है आधुनिक ज्ञान।
वक्त नहीं मां बाप के पास
दें जो संस्कारों का ज्ञान।
खेले फेस बुक ट्विटर संग
व्हाट्सएप्प से उसकी पहचान।
गुरु शिष्य संबंधों में आयी
इसके कारण बड़ी दरार
अक्सर बहस करते ही देखा
पूर्व गहरा था जिनमें प्यार।
कैसे इस रिश्ते को हम,
फिर से हरा बनाएं
अज्ञान धूप में सूख रहा,
मरने से इसे बचाएं।
दें समय अपने बच्चों को,
प्यार से उन्हें समझाएं
गुरु कभी बुरा नहीं चाहता,
पलपल आभास कराएं।
महिमा गुरु की बड़ी निराली,
पत्थर को कर दे सोना
उनसे कभी जुबां लड़ाई,
जीवन भर पड़ेगा रोना।
इस धरा पर एक ही है,
गुरु है जिसका नाम
चाहे उन्नति जग में ,
हो मन तुम्हारा नाम।।