गुरु दक्षिणा
गुरु दक्षिणा
जिंदगी में जब हम आते हैं और आंख खोलते हैं अपने मां बाप के साथ में जिंदगी बिताते हैं और उनके द्वारा सिखाए गए कभी गुरु बनकर कभी मां-बाप बन कर कभी सखा बनकर सारी बातें वे गुरु के रूप में सिखाते हैं और उस समय हमारी जिंदगी के और हमेशा ही हमारी जिंदगी के रियल हीरो सबसे पहले तो हमारे मां-बाप ही होता है इस पर मेरी कविता
इस दुनिया में जब हम आए आंख खोल कर ममता और दुलार पाए
जीवन की हर घड़ी में गुरु जैसा ज्ञान, ममता और सम्मान
जीवन की आचार संहिता सिखाने वाले मां बाप को सलाम
जिन्होंने हमको जिंदगी दे जिंदगी के उसूल सिखाएं,
जिंदगी में कैसे चलना है परिस्थितियों से कैसे लड़ना है वह सब सिखाया।
आत्म सम्मान के साथ रहना सिखाया
किसी की गलत बात के सामने ना झुक ना सिखाया।
हर परिस्थिति में जिंदगी जी जाना सिखाया
और हमने भी वैसे ही जिंदगी को चलाया ।
आने वाली पीढ़ी को सब कुछ सिखाया।
मां-बाप को तो हम क्या अपनी गुरु दक्षिणा देते ।
क्योंकि उनके लालन-पालन के सामने सारी गुरु दक्षिणा हैं छोटी
मगर उनके बुढ़ापे को हमने खराब ना होने दिया।
हमने अपना फर्ज आखिर तक निभाया।
चार पीढ़ी उन्होंने देखी सब से सम्मान पाया
शायद यही हमारी गुरु दक्षिणा हो जो कि एक छोटी सी भेंट
जिसको जिंदगी में हमने निभाया आगे तक पहुंचाया
आने वाली पीढ़ी तक पहुंचाया।