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Hemant Mohan

Romance

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Hemant Mohan

Romance

गुज़रा ज़माना

गुज़रा ज़माना

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नहीं आया मुझे बातें बनाना

दुबारा प्यार में रातें गंवाना।


न जाने क्या हुआ कैसे हुआ ये

कहां छूटा मेरा साथी पुराना।


ख़तों में आज भी ज़िन्दा रखा है

किसी के याद का गुज़रा ज़माना।


सलीका आज भी आया नहीं कुछ

नहीं आया मुझे यादें मिटाना।


कभी टूटा कभी बिखरा सितारा

नहीं है ख़्वाब का कोई ठिकाना।


हमेशा दूर से अच्छा लगा है

बजे जो ढोल पर बजाना।


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