Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Surendra kumar singh

Abstract

5.0  

Surendra kumar singh

Abstract

गतिशील तो है

गतिशील तो है

1 min
476


निराशा के जंगल में

ठहरी हुयी उदासी

और इस उदासी में उलझनों का शोर,

एक मुकम्मल दबाव जीवन पर


जीवन विरोधी भावों का

ऐसे में भी हम

अपने को धन्य समझते हैं प्रिय भारत।


खुद को तुम्हारे पास होने के एहसास का

असर तो देखो

आदमी,आदमी बनने पर आमादा है

मुक्क्त कर रहा है


खुद को राजनैतिक,

और धार्मिक बन्धनों से

जैसे ये उसके लिए नहीं

कुछ लोगों के स्वार्थ में डूबे हुये हैं।


आदमी का आदमी से प्यार न होना

न कोई राजनीति है,न कोई धर्म है

है तो अपना नहीं है

अपना है सिर्फ तो केवल तुम्हारी भारतीयता।


तुम्हारी भारतीयता

आदमी को आदमी

बनने की शक्ति दे रही है।

एक शक्ति है

आज के चलते हुए युद्ध में

बिना युद्ध लड़े विजयश्री पाने की

एक शक्ति युद्ध टालने की।


एक शक्ति भारतीयता की

दुनिया से इंसानियत को बचा पाने के

लिये सक्रिय तो है

गतिशील तो है आदमी की तरह

उसको आदमी बनने की कोशिश में।


Rate this content
Log in