STORYMIRROR

Swastik Sharma

Children

4  

Swastik Sharma

Children

गर्मी का मौसम है आया

गर्मी का मौसम है आया

1 min
608

गर्मी का मौसम है आया ,धूप पसीना संग है लाया

पंखे कूलर बिन रहा न जाये,बाहर लू भी खूब सताए

चलो चलके कुल्फी खाएं,या शरबत से काम चलाएं 


मुझको इसने खूब सताया,खेल कूद सब बंद कराया 

आँखों पर सनग्लास चढ़ाया,कोई इससे बच ना पाया


गर्मी का मौसम है आया ,धूप पसीना संग है लाया

जल्दी से छुटियाँ हो जाये ,हम भी शिमला घूम के आएं

कद्दू तोरी मुझे ना भाये,फिर भी मम्मी रोज़ बनाएं 


दी बरगद ने ठंडी छाया, शांत हुई तब मेरी काया 

देखो यह ज्येठ की माया,पारा बयालीस होने को आया

गर्मी का मौसम है आया, धूप पसीना संग है लाया।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Children