बंदर बांट
बंदर बांट
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खोटा एक बिलौटा आया
छीन बिल्ली से रोटी लाया।
खूब पिया उसने रूहअफ्ज़ा,
छोड़ा रोटी पर नहीं कब्जा ।
बंदर मामा बड़ा सायाना,
याद दिलाएगा उसे नाना।
आया बंदर के मुँह पानी,
गढ़ी तुंरत उसने इक कहानी।
बोला निर्णायक मुझे बनाओ
लड़ो नहीं,मत शोर मचाओ!
बोल उठे बिल्ली बिलैया
न्याय करो तुम बंदर भैया।
सुनकर यह बंदर हर्षाया
रोटी को पूरा हथियाया!
टुकड़े टुकड़े कर खा गया रोटी
बिल्ले संग रही बिल्ली रोती।