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Ruchika Rai

Abstract

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Ruchika Rai

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गणतंत्र पर्व

गणतंत्र पर्व

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जन जन का है भारत गणतंत्र पर्व मनाएं,

नियमों कानूनों की बातों से अवगत कराएं।


एक राष्ट्र ,एक ध्वज,एक है हमारा राष्ट्रीय गान,

फिर सभी क्षेत्र के नाम पर आपस में बँट जाये,

विभिन्नता में एकता का है मूलमंत्र संविधान में,

फिर भी भाई भतीजावाद क्यों गहरे तक पैठ लगाए।


चलो कानून का हो शासन यह हम दुहरायें,

देश के उन्नति में सहायक गणतंत्र हम मनायें।


साप्रदायिकता का बढ़ावा देकर विष बो रहे,

सौहार्दपूर्ण वातावरण वह सदा ही खो रहे,

छोटी छोटी बातों पर विरोध में खड़े होते हैं,

देश में अमन चैन के वातावरण के लिए रो रहे।


चलो देश के विकास के लिए नियमों को चलाएं,

इस तरह कुछ हम गणतंत्र पर्व को मनाएं।


भ्र्ष्टाचार जमाखोरी और कालाबाजारी पर रोक हो,

सफेदपोशी के आड़ करते जुर्म पर कोई टोक हो,

भाषायी भिन्नता को हम ह्रदय से सदा अपनाएं,

नये नये कार्य क्षेत्रों में प्रयोगों के सदा शौक हो।


चलो शहीदों की कुर्बानी को हम व्यर्थ न गँवाये,

देश की आत्मा संविधान को हम सच सारा बताएं।


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