गजल
गजल
महका हुआ कोई गुल याॅ शायर का ख्वाब हो
चन्द लफ़्ज़ों में कहूँ तो आप लाजवाब हो
देखें आपको तो चाँद भी शर्मा जाये
सुन्दर क्यों के आप बे हिसाब हो
आप आये तो दुनिया मेरी जगमगा उठी
बनके आये आप आफताब हो
देंगे आप साथ तो छोड़ेंगे ना हाथ
चाहे सारा जहाँ अपने खिलाफ हो
हुस्न आप का जग मे बेमिसाल है
फिर कैसे ना कोई आपके लिए बेताब हो
महका हुआ कोई गुल याॅं शायर का ख्वाब हो
चन्द लफ़्ज़ों में क्हूॅं तो आप लाजवाब हो।